National Doctor's Day 2021: यह दिन देशभर में चिकित्सा के क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए समर्पित है

इस साल खास थीम के साथ मनाया जा रहा है ये दिन 

National Doctor's Day 2021: यह दिन देशभर में चिकित्सा के क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए समर्पित है

हर साल 1 जुलाई का दिन नेशनल डॉक्टर्स डे के तौर पर मनाया जाता है।  केंद्र सरकार ने 1991 में राष्ट्रीय चिकित्सक दिवस मनाने की शुरुआत की थी और तब से यह सिलसिला चलता आ रहा है।

हमेशा अपनी ड्यूटी के लिए तत्पर रहने वाले इन लोगों के प्रति यह एक दिन आभार व्यक्त करने का मौका देता है। इस लेख के माध्यम से जानते हैं कब और कैसे हुई नेशनल डॉक्टर्स डे मनाने की शुरुआत और इस साल क्या थीम रखी गयी है।

डॉक्टर बिधानचंद्र रॉय के सम्मान में रखा गया ये दिन 

गौरतलब है कि 1 जुलाई के दिन ही भारत के महान डॉक्टर और पश्चिम बंगाल के दूसरे मुख्यमंत्री डॉ. बिधान चन्द्र रॉय जी का जन्मदिन होता है और उनका देहांत भी इसी तारीख को हुआ था। 

उन्होंने जीवनभर न सिर्फ डॉक्टर होने का फर्ज निभाया बल्कि लोगों के जीवन को नयी दिशा भी दी। डॉक्टर बिधानचंद्र रॉय को साल 1961 में सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से नवाजा गया था।

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उनके सम्मान में ही तत्कालीन केंद्र सरकार ने साल 1991 में 1 जुलाई के दिन डॉक्टर्स डे मनाने का ऐलान किया था।

नेशनल डॉक्टर्स डे का आयोजन इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (IMA)  द्वारा किया जाता है। कोरोना वायरस महामारी लोगों के जीवन में बड़ा बदलाव लाया है इसलिए इस साल की थीम कोविड-19 से जुड़ी हुई है। 

साल 2021 का राष्ट्रीय डॉक्टर दिवस उन सभी डॉक्टरों को समर्पित है जो COVID-19 के दौरान अपनी सेवा प्रदान कर रहे हैं। इस साल नेशनल डॉक्टर्स डे की थीम "बिल्डिंग ए फेयरर, हेल्दियर वर्ल्ड" रखी गयी है।

आईएचपीबीएलटी (इंस्टीट्यूट ऑफ हेपाटो-पैनक्रिएटो-बिलियरी एंड लिवर ट्रांसप्लांटेशन) मेडिक्स की एक टीम

आईएचपीबीएलटी (इंस्टीट्यूट ऑफ हेपाटो-पैनक्रिएटो-बिलियरी एंड लिवर ट्रांसप्लांटेशन) मेडिक्स की एक टीम 2
आईएचपीबीएलटी (इंस्टीट्यूट ऑफ हेपाटो-पैनक्रिएटो-बिलियरी एंड लिवर ट्रांसप्लांटेशन) मेडिक्स की एक टीम 3

आईएचपीबीएलटी (इंस्टीट्यूट ऑफ हेपाटो-पैनक्रिएटो-बिलियरी एंड लिवर ट्रांसप्लांटेशन) मेडिक्स की एक टीम है, जिन्होंने 3000 से अधिक सर्जरी और 1500 लिवर ट्रांसप्लांट किए हैं। टीम में भारत के सर्वश्रेष्ठ डॉक्टर शामिल हैं जो जीआई सर्जरी और लीवर प्रत्यारोपण के विशेषज्ञ हैं।

यह दिन देशभर में चिकित्सा के क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए समर्पित है

टीम का नेतृत्व चिकित्सक डॉ. अभिदीप चौधरी कर रहे हैं, जो चिकित्सा क्षेत्र में एक प्रसिद्ध चेहरा है, जो लिवर सर्जरी और प्रत्यारोपण में 15 से अधिक वर्षों की विशेषज्ञता रखते है।

डॉ. अभिदीप चौधरी ने 2009 से 2011 तक थॉमस स्टारज़ल ट्रांसप्लांटेशन इंस्टीट्यूट (पिट्सबर्ग मेडिकल सेंटर विश्वविद्यालय), पिट्सबर्ग, पीए, यूएसए में मल्टी-ऑर्गन ट्रांसप्लांट सर्जरी फेलो, डिवीजन ऑफ ट्रांसप्लांट सर्जरी के रूप में काम किया और अपने असाधारण नैदानिक ​​​​प्रदर्शन के कारण उन्हें वर्ष 2010-11 के लिए थॉमस स्टारज़ल ट्रांसप्लांटेशन इंस्टीट्यूट (पिट्सबर्ग मेडिकल सेंटर विश्वविद्यालय), पिट्सबर्ग, पीए, यूएसए में चीफ क्लिनिकल फेलो / सीनियर एडमिनिस्ट्रेटिव फेलो, डिवीजन ऑफ ट्रांसप्लांट सर्जरी के रूप में नियुक्त किया गया। 

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थॉमस स्टारज़ल ट्रांसप्लांटेशन इंस्टीट्यूट (पिट्सबर्ग मेडिकल सेंटर विश्वविद्यालय), पिट्सबर्ग, यूएसए दुनिया का सबसे प्रसिद्ध प्रत्यारोपण केंद्र है और इसे लीवर प्रत्यारोपण का "मक्का" माना जाता है।

उनके असाधारण काम और चिकित्सा विज्ञान के प्रति योगदान के कारण उन्हें कई प्रतिष्ठित पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है।

डॉ. अभिदीप चौधरी वर्तमान में बीएलके सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल में एचपीबी सर्जरी और लीवर प्रत्यारोपण विभाग का नेतृत्व कर रहे हैं। 

उन्होंने और उनकी टीम ने मिलकर कई जटिल सर्जरी की हैं जिनमें ड्यूल लोब ट्रांसप्लांट, पीडियाट्रिक ट्रांसप्लांट और मल्टीपल ऑर्गन ट्रांसप्लांट शामिल हैं। टीम ने अधिक से अधिक लोगों की जान बचाने के लिए अपनी सेवाएं देने का संकल्प लिया है।

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