बीओबी बना तीसरा बड़ा बैंक देना व विजया बैंक के विलय से

कदम बैकिंग क्षेत्र के फंसे लाखों करोड़ रुपए के ऋण से निजात पाने के
लिए उठाया, बैंक ऑफ बड़ौदा ने विजया,
देना बैंकों के शेयरधारकों को जारी किए शेयर



नई दिल्ली, अप्रैल। देश के सार्वजनिक क्षेत्रों के बैंकों के इतिहास में सोमवार को नया पन्ना जुड़ा। देना और विजया बैंक के विलय के उपरांत बैंक ऑफ बड़ौदा तीसरा बड़ा बैंक बन गया। बैंक ऑफ बड़ौदा ने दोनों बैंक के पात्र शेयरधारकों को इक्विटी शेयर जारी किए।


बीएसई को भेजी जानकारी में उसने बताया है कि विजया बैंक के शेयरधारकों को 52,42,00,772 इक्विटी शेयर आबंटित किए गए हैं जबकि देना बैंक के शेयरधारकों को 2,48,45,11,66 इक्विटी शेयर जारी किए गए हैं। यह इक्विटी शेयर या तो डीमैट खातों में जमा करा दिए जाएंगे अथवा दोनों बैंकों के पात्र शेयरधारकों को शेयर प्रमाणपत्र भेज दिए जाएंगे।


देश के बैकिंग इतिहास में यह तीन बैंकों का पहला विलय है। इस विलय के बाद देना और विजया बैंक की सभी शाखाएं बैंक ऑफ बड़ौदा की शाखाओं के रूप में काम करना शुरू कर देंगी। दोनों बैंकों का कारोबार तथा स्थायी और नियमित कर्मचारी अब बैंक ऑफ बड़ौदा का हिस्सा होंगे। सरकार ने तीनों बैंकों के विलय का ऐलान पिछले साल सितम्बर में किया था।


इनके विलय से पहले पांच बैंकों स्टेट बैंक ऑफ पटियाला, स्टेट बैंक ऑफ बीकानेर एवं जयपुर, स्टेट बैंक ऑफ मैसूर, स्टेट बैंक ऑफ त्रावणकोर और स्टेट बैंक ऑफ हैदराबाद तथा भारतीय महिला बैंक का भारतीय स्टेट बैंक में विलय किया गया था। यह विलय अप्रैल 2017 से प्रभावी हुआ था।


बैंकों का विलय बैकिंग क्षेत्र के फंसे लाखों करोड़ रुपए के ऋण से निजात पाने और ऋण उठाव फिर से पटरी पर लाने के लिए किया गया है। हानि और फंसे हुए ऋण की वजह से देना बैंक सार्वजनिक क्षेत्र के उना पांच बैंकों में शामिल है जिसे पीसीए के तहत रखा गया था।


बीओबी का अगले पांच साल में नम्बर एक बनने का लक्ष्य -


लखनऊ। विजया बैंक और देना बैंक के विलय के बाद देश में सार्वजनिक क्षेत्र के दूसरे सबसे बड़े बैंक के तौर पर अस्तित्व में आए बँक आफ बड़ौदा (बीओबी) का लक्ष्य अगले पांच साल में भारतीय स्टेट बैंक को पछाड़ कर सार्वजनिक क्षेत्र में नम्बर एक बैंक का तमगा हासिल करने का होगा।


बैंक आफ बड़ौदा के क्षेत्रीय प्रबंधक डॉ. रामजस यादव ने यहां पत्रकारों से कहा कि सोमवार को विलय के बाद उत्तर प्रदेश में बीओबी का कुल व्यवसाय एक लाख करोड़ को पार कर जाएगा। नए बैंक आफ बड़ौदा की गुजरात में 22 प्रतिशत की बाजार हिस्सेदारी होगी जबकि महाराष्ट्र कर्नाटक, राजस्थान एवं उत्तर प्रदेश में बाजार हिस्सेदारी आठ से 10 प्रतिशत के बीच होगी। उन्होंने कहा कि बैंक का लक्ष्य अगले पांच साल में उत्कृष्ट ग्राहक सेवा और तकनीक की बदौलत भारतीय स्टेट बैंक से नम्बर एक का तमगाहासिल करने का होगा।


हमें विश्वास है कि बढ़ी हुई शाखाओं और कर्मचारियों के दम पर बैंक अपने मकसद पर सफल होगा। डॉ. यादव ने कहा कि यह तीन बैंकों का संगम है जिसके बाद आज नए बैंक आफ बड़ौदा का अभ्युदय हुआ है। इसके साथ ही राज्य में बैंक की शाखाएं 1169 से बढ़कर 1407 हो जाएंगी।


विलय के बाद कर्मचारियों की छटनी की किसी भी संभावना को नकारते हुए उन्होंने कहा कि एक जुलाई तक कर्मचारियों को जहां के तहां शाखाओं में रखा जाएगा हालांकि बाद में जरूरत के अनुसार उनका किसी और शाखा में स्थानांतरण किया जा सकता है।


एक टिप्पणी भेजें (0)
और नया पुराने
close