शोर और ध्वनि प्रदूषण: शादियों में बढ़ती समस्या

Noise Pollution, in pkt.7, sec.21, Rohini, Delhi, at night

शोर और ध्वनि प्रदूषण: शादियों में बढ़ती समस्या

शादियों के दिनों में बढ़ते शोर और ध्वनि प्रदूषण के मामले में गंभीरता बढ़ रही है। विवाह की रस्में हमारे समाज में अत्यधिक महत्वपूर्ण होती हैं, लेकिन इन रस्मों के दौरान उत्पन्न होने वाले शोर का स्तर बेहद चिंताजनक है।

Noise Pollution



शादी के दिनों में उच्च आवाज के साथ संगीत, बाजे, फायरवर्क्स, और अन्य ध्वनिकरण तत्वों का अत्यधिक प्रयोग होता है, जिससे आस-पास के क्षेत्र में शोर प्रदूषण का स्तर बढ़ जाता है। इसके परिणामस्वरूप, आम नागरिकों को यह बहुत ही परेशानी में डाल रहा है।

नागरिक समूहों ने इस मुद्दे पर ध्यान केंद्रित करते हुए सरकार से कड़ी कदम उठाने की मांग की है। इसके बावजूद, लोगों को इस प्रदूषण से बचाने के लिए सशक्त करने के लिए हम सभी को अपनी जिम्मेदारी निभाने की आवश्यकता है।

यह मानव समाज के लिए महत्वपूर्ण है कि हम अपनी सामाजिक उत्सवों को स्वच्छ और हरित बनाए रखें ताकि यह आने वाली पीढ़ियों के लिए एक स्वस्थ और सुरक्षित माहौल बना सके।

आजकल शादी के दिनों में बढ़ते शोर और ध्वनि प्रदूषण के मुद्दे पर समाज ने अपने ध्यान को विशेष रूप से केंद्रित किया है। शादी के दिनों में होने वाले उच्च ध्वनि स्तरों ने नागरिकों को परेशान कर रखा है और इसे कम करने की आवश्यकता है।

विवाह समारोहों में ध्यानपूर्वक संगीत और ध्वनिकरण का इस्तेमाल करने के बजाय, लोगों को अधिक रोमांटिक और सुखद वातावरण बनाए रखने के लिए अधिक ध्यान देना चाहिए। इससे न केवल नए जीवन की शुरुआत होती है, बल्कि यह लोगों के आस-पास के क्षेत्रों में शांति और समृद्धि की भावना को बढ़ावा देगा।

सरकार को भी इस मुद्दे पर गंभीर होकर सामाजिक उत्सवों में ध्वनि स्तर को नियंत्रित करने के लिए कड़ी कदम उठाने की आवश्यकता है। इससे न केवल नागरिकों को आराम मिलेगा, बल्कि हमारे प्रदूषण स्तरों को भी कम किया जा सकेगा, जिससे हमारे पर्यावरण को भी लाभ होगा।

इस प्रकार, हम सभी को मिलकर इस समस्या का समाधान निकालने में सहायक होना चाहिए, ताकि हमारे समाज में शादियों के दिनों में एक नया और सुरक्षित परंपरा बन सके।

लगातार ऐसी तेज ध्वनि से किसी की भी जान जान सकती है, बेहद घातक आवाज जो किसी परमानू बम से कम नहीं है....

लगातार तेज ध्वनि कान के पर्दे व दिल पर घातक वार हैं... खास तौर पर छोटे बच्चों और वृद्ध लोगो के स्वास्थ्य के लि‍ए....


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