छह माह के निचले स्तर पर मार्च में विनिर्माण गतिविधियां 

इस वर्ष पहली बार मार्च में विनिर्माण सुस्त पड़ी हैं गतिविधियां, 
निक्केई माह दर माह आधार पट जारी करता है आंकड़े



इस सूचकांक से पता चलता है कि मार्च में विनिर्माण क्षेत्र का विस्तार घटा है।
फैक्ट्री ऑईट, उत्पादन, निर्यात और रोजगार आदि सभी सूचकांकों में
गिरावट दर्ज की गई है : डी लिमा


नई दिल्ली, अप्रैल। नए आर्डर में आई कमी से मार्च में देश के विनिर्माण क्षेत्र की गतिविधियां सुस्त पड़ीं जिससे इसका सूचकांक घटकर छह माह के निचले स्तर 52.6 पर आ गया। इससे पहले फरवरी में सूचकांक तेज छलांग लगाकर 14 माह के उच्चतम स्तर 54.3 पर रहा था।


विनिर्माण कंपनियों के खरीद प्रबंधकों के बीच किए जाने वाले मासिक सर्वेक्षण 'निक्केई इंडिया मैन्यूफैक्चरिंग पर्चेजिंग मैनेजर इंडेक्स' (पीएमआई सूचकांक) लगातार 20वें माह 50 के ऊपर रहा है। सूचकांक का 50 से ऊपर रहना कारोबारी गतिविधियों में आई तेजी का द्योतक है जबकि 50 से नीचे का सूचकांक गिरावट का संकेत देता है।


निक्केई माह दर माह आधार पर आंकड़े जारी करता है। निक्केई द्वारा आज जारी आंकड़ों के मुताबिक, इस वर्ष पहली बार मार्च में विनिर्माण गतिविधियां सुस्त पड़ी हैं। इससे पहले यह दिसंबर 2018 के 53.2 से छलांग लगाकर जनवरी 2019 में 53.9 पर और फरवरी में 54.3 पर रहा था।


रिपोर्ट के मुताबिक ऑर्डर में कमी रहने से विनिर्माण क्षेत्र में रोजगार सृजन की दर मार्च में आठ माह के निचले स्तर पर आ गई। हालांकि इस दौरान क्षेत्र में संचालन स्थिति में सुधार हुआ हैलेकिन नए ऑर्डर में छह माह के बाद इतनी गिरावट आई है। कंपनियों के मुताबिक विपणन के सफल प्रयास से तथा थोक मांग आने से बिक्री की उम्मीदें बढ़ीं लेकिन प्रतिस्पर्धात्मक माहौल और आगामी लोकसभा चुनाव के कारण नये ऑर्डर में कमी आयी।


हालांकि, अंतरराष्ट्रीय बाजारों में बिक्री बढ़ने से विदेशों से निर्यात के नये ऑर्डर मिलने में मदद मिली। कंपनियों के मुताबिक उन्नत तकनीक, बाजार के अनुकूल माहौल और बिक्री बढ़ने से उत्पादन बढ़ाने में सहयोग मिला लेकिन प्रतिस्पर्धात्मक माहौल, कच्चे माल की कमी और बिक्री में आयी अपेक्षित कमी से उत्पादन दर छह माह के निचले स्तर पर रही।


मांग में रही कमी के कारण विनिर्माताओं ने अपनी खरीद कम कर दी जिससे इसकी वृद्धि दर दस माह के निचले स्तर पर रही। कच्चे माल का भंडार मार्च में भी बढ़ा लेकिन पूरी तरह तैयार माल का भंडार लगातार 20वें माह घटा। विनिर्माताओं के अनुसार कुछ आर्डर की पूर्ति भंडार से की गयी। मार्च में कंपनियों की लागत दर और बिक्री मूल्य में मामूली तेजी दर्ज की गयी। कारोबारी धारणा सात माह के उच्चतम स्तर पर रही।


भारतीय विनिर्माताओं ने आने वाले 12 महीने में बाजार की बेहतर स्थिति का अनुमान जताया है। उनके मुताबिक विपणन संबंधी पहलों, क्षमता विस्तार योजनाओं और चुनाव के बाद अनुकूल नीतियों से उत्पादन की दर बढ़ेगी। रिपोर्ट की लेखिका पॉलियाना डी लिमा ने रिपोर्ट पर टिप्पणी करते हुए कहा, इस सूचकांक से पता चलता है कि मार्च में विनिर्माण क्षेत्र का विस्तार घटा है। फैक्ट्री ऑर्डर, उत्पादन, निर्यात और रोजगार आदि सभी सूचकांकों में गिरावट दर्ज की गई है।


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