2009 से कांग्रेस के पास है वायनाड सीट, पहले पार्टी ने टी सिद्दीकी को बनाया था उम्मीदवार, माकपा से हो सकता है वायनाड में मुकाबला
नई दिल्ली, अप्रैल। कांग्रेस ने औपचारिक रूप से ऐलान कर दिया है कि पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी अमेठी के साथ-साथ केरल की वायनाड सीट से भी चुनाव लड़ेंगे। रविवार को एके एंटोनी, केसी वेणुगोपाल और रणदीप सुरजेवाला ने प्रेस कांफ्रेंस कर यह जानकारी दी।
पार्टी का कहना है कि उत्तर व दक्षिण भारत के बीच में अटूट रिश्ता रहा है, लेकिन वहां की संस्कृति, भाषा व जीवन शैली पर मोदी सरकार और भाजपा ने हमला किया है। सदियों पुराने उस रिश्ते मजबूत करने के लिए राहुल ने वायनाड से चुनाव लड़ने का फैसला किया है। इस सीट की विशेषता है कि यह भौगोलिक रूप से केरल, तमिलनाडु और कर्नाटक को जोड़ती है। एंटोनी ने कहा कि तीनों राज्यों की कांग्रेस कमेटियों की तरफ से मांग की जा रही थी कि राहुल दक्षिण की सीट से चुनाव लड़ें।
उन्होंने इसे स्वीकार करते हुए वायनाड की सीट से मैदान में उतरने का फैसला किया है। इस सीट से तमिलनाडु और कर्नाटक की सीमाएं जुड़ती हैं। ऐसे में राहुल एक साथ तीन राज्यों को प्रतिनिधित्व करेंगे। इस मौके पर सुरजेवाला ने कहा कि उत्तर का दक्षिण भारत से सांस्कृतिक और भाईचारे का रिश्ता रहा है, लेकिन मौजूदा परिस्थितियों में मोदी सरकार और भाजपा द्वारा विभिन्न राज्यों की संस्कृति, भाषा, खान-पान और जीवन शैली पर हमला किया जा रहा है।
दूसरे तीनों राज्यों की ओर से भी लगातार मांग हो रही थी, जिसके चलते उन्होंने वायनाड सीट से चुनाव लड़ने का निर्णय लिया। साथ ही सुरजेवाला ने कहा कि अमेठी राहुल की कर्मभूमि है। वहां से उनका रिश्ता सिर्फ चुनाव का नहीं बल्कि परिवार एक सदस्य का रहा है।
वे अमेठी को कभी छोड़ नहीं सकते हैं। एक प्रश्न के जवाब में उन्होंने उलटकर सवाल किया कि नरेंद्र मोदी गुजरात छोड़ कर बनारस क्यों गए? रही बात स्मृति ईरानी की तो वे पहले चांदनी चौक व अमेठी से चुनाव हार चुकी हैं। इस बार उनकी हार की हैट्रिक होने वाली है। वायनाड सीट कांग्रेस का गढ़ मानी जाती है।
वर्ष 2009 और 2014 में यहां से प्रदेश कांग्रेस के कार्यकारी अध्यक्ष रहे एमआई शहनवाज चुनाव जीते थे, लेकिन पिछले वर्ष नवंबर में उनका निधन हो गया था, जिसके बाद से यह खाली पड़ी हुई थी। राहुल के वायनाड से चुनाव लड़ने की चर्चा उस समय तेज हो गई, जब वहां से कांग्रेस के प्रत्याशी टी सिद्दीकी ने अपना नाम वापस ले लिया। इसके बाद केरल कांग्रेस नेताओं के बयान भी आने लगे।
2008 में कुन्नूर व मलाप्पुरम को मिलाकर यह सीट बनाई गई थी। पिछले चुनाव में कांग्रेस को यहां 376751 यानी 41.20 फीसदी वोट मिले थे, जबकि सीपीआई के सत्यन मोकेरी दूसरे नंबर थे, जिन्हें 355764 वोट हासिल हुए थे। राहुल के वायनाड से चुनाव लड़ने को कांग्रेस की रणनीति का हिस्सा माना जा रहा है।