निर्णायक कदम विकास व वृहद आर्थिक स्थिरता के लिए उठाए गए हैं : दास

औसत वार्षिक विकास दर 7.5 प्रतिशत रही है भारत की गत वर्षों में 



भारत ने निर्णायक कदम उठाकर वृद आर्थिक स्थिरता और तीव्र आर्थिक विकास के लिए मजबूत नींव रखा है। भारत का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के वर्श 2019-20 में 72 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान है।
- शक्तिकांता दास, गवर्नर, रिजर्व बैंक


आवाज़ ए हिंद टाइम्स सवांदाता, नई दिल्ली, अप्रैल। रिजर्व बैंक के गवर्नर शक्तिकांता दास ने कहा है कि भारत ने निर्णायक कदम उठाकर वृद आर्थिक स्थिरता और तीव्र आर्थिक विकास के लिए मजबूत नींव रखा है। श्री दास ने कहा कि भारत का सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के वर्श 2019-20 में 7.2 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान है।


भारत का हाल के वर्षों में औसत वार्षिक विकास दर 7.5 प्रतिशत रही है और यह दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ने वाली अर्थव्यवस्था है। रिजर्व बैंक के गवर्नर ने शुक्रवार को यहां अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष की बैठक में कहा कि महंगाई अभी भी लक्षित दायरे में है। अक्टूबर 2016 से लेकर फरवरी 2019 तक महंगाई की औसत दर 3.6 प्रतिशत रही है।


वर्ष 2018-19 में चालू खाता घाटा के जीडीपी के 2.5 प्रतिशत रहने किा अनुमान है और सकल राजस्व घाटा के बजट के लक्षित दायरे में रहने की संभावना है। श्री दास ने कहा कि मजबूत नींव, बड़ा विदेशी मुद्रा भंडार, बैंकिंग तंत्र में पूंजी और सशक्त वृहद आर्थिक नीतियां भारत को वैश्विक स्तर पर होने वाले उतार चढ़ाव को झेलने की क्षमता देती है। उन्होंने उभरती हुयी अर्थव्यवस्थाओं के लिए चालू वर्ष तीन बड़ी चुनौतियां भी गिनाई।


इन देशों के समक्ष सबसे बड़ी चुनौती वैश्विक विकास और व्यापार में शिथिलता, व्यापार तनाव और ब्रिक्जिट को लेकर बनी आशंकाएं विकास के परिदृष्य पर काले बादल की तरह छाए हुए हैं। उन्होंने कहा कि इस तरह की अनिश्चिता अस्थायी हैया आर्थिक तौर पर समृद्ध देशों में आ रही मंदी की आहट है।


आईएमएफ द्वारा चालू वर्ष में वैश्विक विकास अनुमान में की गयी कटौती से यह अनिश्चितता झलकती है। पूरी दुनिया के केन्द्रीय बैंक मौद्रिक नीति को कठोर बनाने से पीछे हट रहे हैं और कुछ ने तो लचीली ऋण नीति भी अपनायी है। कुछ देशों ने विकास को गति देने के लिए वित्तीय प्रोत्साहन की भी शुरुआत की है।


- 393 -


एक टिप्पणी भेजें (0)
और नया पुराने
close