83,000 करोड़ रुपये की पूंजी डाल कर सरकारी बैंकों को मजबूती देगी सरकार

83,000 करोड़ रुपये की पूंजी डाल कर सरकारी बैंकों
को मजबूती देगी सरकार 



दस लाख करोड़ रुपये के डूबे कर्ज से जूझ रहे हैं सरकारी बैंक इस साल
23,860 करोड़ रुपये के एनपीए की वसूली


आवाज़ ऐ हिन्द टाइम्स संवादाता, नई दिल्ली, दिसम्बर 2018, वित्त मंत्री ने कहा कि 2015 में शुरू सरकारी बैंकों में फसे कर्ज (एनपीए) की पहचान का काम पूरा हो चुका है। एनपीए में कमी आ रही है। सरकारी क्षेत्र के बैंकों का सकल एनपीए (फेसा कर्ज) मार्च 2018 में उच्च स्तर पर पहुंचने के बाद चालू वर्ष की पहली छमाही में 23,860 करोड़ रुपये कम हुआ है।


तीन बैंकपीसीए के रडार पर थे, लेकिन अब बच जायेंगे -


वित्तीय सेवा सचिव राजीव कुमार ने कहा कि तीन बैंक पीसीए में शामिल होने के कगार पर हैं लेकिन इस पूंजी से वे सुरक्षित होंगे। यह पूछे जाने पर कि क्या नीरव मोदी घोटाले से प्रभावित पंजाब नेशनल बैंक को भी पूंजी मिलेगी, उन्होंने कहा कि वह पूंजी के लिए उम्मीदवार हो सकता है।




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सरकारी बैंकों नयी दिल्ली वित्त मंत्री अरुण जेटली ने गुरुवार को कहा कि सरकार चालू वित्त वर्ष के बचे हुए महीनों में सरकारी क्षेत्र के बैंकों में डाले जानेवाली पूँजी बढ़ाकर 83,000 करोड़ रुपये करेगी। इसके साथ चालू वित्त वर्ष में बैंकों को मिलने वाली पूंजी 1.06 लाख करोड़ रुपये हो जायेगी. जेटली ने कहा कि पूंजी अगले कुछ महीनों में डाली जायेगी। इससे सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों की कुर्ज देने की क्षमता बढ़ेगी. आरबी आई। की सुधारात्मक कारवाई (पीसीए) रूपरेखा से तत्काल बाहर निकलने में मदद मिलेगी। इससे पहले सरकार ने 2018-19 में बैंकों में 65,000 करोड़ रुपये की पूंजी डालने की घोषणा की थी। इसमें से 23,000 करोड़ रुपये की पूंजी पहले ही डाली जा चुकी है। कुल प्रस्तावित प्रेजी में से 42002 करोड़ रुपये बची है। सरकार ने 41,000 करोड़ रुपये की अतिरिक्त पुंजी डाले जाने को लेकर संसद की मंजूरी मांगी. यह राशि अक्तूबर, 2017 में सरकार द्वारा बैंकों में 2.11 लाख करोड़ की पूंजी डालने की घोषणा की थी उसके अतिरिक्त है। जेटली ने संवाददाताओं से कहा कि पूंजी डाले जाने से सरकारी क्षेत्र के बैंकों की कर्ज देने की क्षमता बहेगी। आरबीआई के सुधारात्मक कार्रवाई (पीसीए) रूपरेखा से तत्काल बाहर निकलने में मदद मिलेगी। जेटली ने कहा कि अब इस साल बैंकों में 1.06 लाख करोड़ की पूंजी डाली जायेगी। इसमें से शेष बची 83,000 करोड़ की उपयोग चार अलग-अलग मदों में होगा। पहले, यह सुनिश्चित करेंगे कि बैंक पुंजी नियमों को पूरा करें, दूसरा, पीसीए के अंतर्गत आनेवालों में बैंकों में बेहतर प्रदर्शन करनेवाले बैंकों को नौ प्रतिशत और जरूरी पूंजी सुरक्षा बफ बनाने एवं 6 प्रतिशत शुद्ध एनपीए के लिए पूंजी दी जायेगी ताकि कुछ पीसीए से स्वयं बाहर आ सके, तीसरी श्रेणी में वे बैंक आयेंगे। जो पीसीए के करीब पहुंचे हुए हैं।


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