वॉलमार्ट फ्लिपकार्ट व अमेजन शॉपर्स स्टॉप के जरिये रिटेल में रखेंगी कदम

वॉलमार्ट फ्लिपकार्ट व अमेजन शॉपर्स स्टॉप के जरिये रिटेल में रखेंगी कदम



आवाज़ ऐ हिन्द टाइम्स संवादाता, नई दिल्ली, दिसम्बर 2018, रिटेल सेक्टर ने वर्ष 2018 में रिकॉर्ड प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) हासिल किया है। नये साल में यह क्षेत्र और अधिक विलय एवं अधिग्रहण (एमएंडए) के लिए तैयार है। अमेरिका की वॉलमार्ट भारत की फ्लिपकार्ट से और अमेजन शॉपर्स स्टॉप और मोर के जरिये रिटेल सेक्टर में कदम रखेंगे। वर्ष 2019 तक इनकी डील मूर्त रूप ले लेगी। रिटेल सेक्टर के एक्सपर्ट का कहना है कि 2018 में लगभग सभी प्रारूप में बड़े मूल्य के निवेश आये। साथ ही ऑनलाइन और ऑफलाइन के बीच का अंतर कम हुआ. भारत का खुदरा क्षेत्र छहकरोड़ लोगों को रोजगार देता है। रिटेल ने डेटा एनालिसिस, वर्चुअल रोयल्टी और कृत्रिम मेधा (एआई) जैसे क्षेत्रों में निवेश किया जिससे व्यापार में मदद मिली, युवा, खर्च योग्य आय में वृद्धि और डिजिटल पेमेंट से यह क्षेत्र और अधिक बढेगा, वॉलमार्ट इंडिया के सीईओ कृष अय्यर ने कहा है कि चाहे ऑफलाइन हो या अनलाइन रिटेन लगातार आगे बढेगा।



  • भारत के रिटेल में कृषि के बाद सर्वाधिक रोजगार 91 व्यापार असंगठित रिटेल व्यापारियों द्वारा संचालित होता है, 01 करोड़ रोजगार आने की संभावना है रिटेल सेक्टर में एफडीआइ आने से 10 साल में 12% योगदान है देश की जीडीपी में रिटेल सेक्टर का।

  • अभी छह करोड़ लोगों को रिटेल सेक्टर में मिला हुआ है रोजगार 11 लाख करोड़ रुपये का निवेश करेगी वॉलमार्ट।



  1. दुनिया की सबसे बड़ी रिटेलर वॉलमार्ट इंक ने 208 में देश की प्रमुख इ-कॉमर्स कंपनी पिलपकार्ट में 16 अरब डॉलर में 77 प्रतिशत हिस्सेदारी का अधिग्रहण किया है। यह भारत में सबसे बड़ा सौदा है।

  2. जेफ बेजोस के नियंत्रण वाली इ-कॉमर्स कंपनी अमेजन ने अपनी उपस्थिति को और मजबूत करते हुए ऑफलाइन प्रारूप मसलन के राहेजा प्रोमोटर्स शॉपर्स स्टॉप और आदित्य बिड़ला ग्रुप की रिटेल कंपनी मोर में निवेश किया है।


क्या कहते हैं एक्सपर्ट -


क्या कहते अधिग्रहण अभी और चर्चा में रगे, क्योंकि इस सेक्टर की कंपनियां थी क्षमता का प्रयास करेंगी। पिनाकीरंजन मिश्र, नेशनल लीडर (उपभोक्ता प्रोडक्ट एंड रिटेल)।


भारत में खुदरा क्षेत्र की रफ्तार कायम रहेंगी। 2019 में और विलयएवं अधिग्रहण होंगे, अनिल तलरेजा, डेलॉयट इंडिया के भागीदार बड़े ऑनलाइन रिटेलर्स ऑफलाइन भी अपनी उपस्थिति बढ़ाने का प्रयास करेंगे जबकि बड़े ऑफलाइन रिटेलर्स ऑनलाइन मंच पर भी आना चाहेंगे। इससे अगले एक दो साल में इस क्षेत्र में कई गठजोड़ देखने को मिलेंगे। कुमार राजगोपालन, राइ, रिटेलर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया।


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