ऊर्जा, पर्यावरण पर 3 दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन और प्रदर्शनी

राष्ट्रपति श्री रामनाथ कोविंद ने आज नई दिल्ली में ऊर्जा और पर्यावरण पर अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन और प्रदर्शनी का उद्घाटन किया। वैज्ञानिक और औद्योगिक अनुसंधान परिषद (सीएसआईआर) द्वारा आयोजित 3 दिवसीय सम्मेलन का उद्देश्य वर्ष 2020 के बाद के युग में समाज, पर्यावरण, ऊर्जा और उद्योगों के स्वच्छ, सुरक्षित, सहजीवन निर्वाह के लिए नवोन्‍मेषी नई तकनीकों, प्रौद्योगिकियों और अनुप्रयोगों के वास्‍ते अनुसंधान और विकास (आर एंड डी) की आवश्‍यकताओं की पहचान और विचार करना है।



राष्ट्रपति ने कहा कि राष्‍ट्र सभी नागरिकों को किफायती दर पर बिजली उपलब्‍ध कराने के साथ ही उद्योग 4.0 के साथ सामंजस्‍य कर औद्योगिक क्रांति के माध्यम से राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए प्रतिबद्ध है। राष्ट्रपति ने कहा, "तेजी से तकनीकी प्रगति के आज के युग में ऊर्जा और पर्यावरण न केवल विकासशील देशों के लिए बल्कि विकसित देशों के लिए भी चिंता के प्रमुख विषय हैं।"उन्‍होंने सम्मेलन के प्रतिभागियों से आग्रह किया कि वे पर्यावरणीय मसलों पर जीवाश्म ईंधन और व्यवहार्य विकल्प के उपयोग से संबंधित कारगर विचार रखें।


तीन दिवसीय सम्मेलन के दौरान विज्ञान भवन लॉन में एक औद्योगिक प्रदर्शनी का भी आयोजन किया गया, जिसका उद्घाटन केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी मंत्री डॉ.हर्षवर्धन ने किया। उद्घाटन अवसर पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि आज विश्‍व स्वच्छ ऊर्जा के क्षेत्र में भारत की उपलब्धियों, पहलों और दूरदर्शी दृष्टिकोण को मान्‍यता देता है। डॉ. हर्षवर्धन ने कहा, "भारत ने दुनिया के सबसे बड़े और सबसे नवीन ऊर्जा कुशल प्रकाश कार्यक्रम, 330 मिलियन एलईडी लाइट्स प्रारम्‍भ किया है, जिसके परिणामस्वरूप कार्बन डाईऑक्‍साइड उत्‍सर्जन में 32 मिलियन टन की कमी आई है।"


सम्मेलन में देश और विदेश के नीति निर्माताओं, नियामकों, विचारकों, प्रबंधकों, उद्यमियों, प्रशासकों, इंजीनियरों, पर्यावरणविदों, भू-पर्यावरणविदों, अनुसंधानकर्ताओं, शिक्षाविदों और प्रौद्योगविदों का प्रतिनिधित्व करने वाले लगभग 1000 व्‍यक्ति भाग ले रहे हैं। सम्मेलन में लगभग 200 पत्रों (पेपर्स) पर विचार-विमर्श किया जाएगा, जिनमें 9 मुख्य पत्र और 150 मौखिक प्रस्तुतियां तथा 50 पोस्टर प्रस्तुतियां शामिल हैं।


अपने- अपने क्षेत्रों में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले प्रख्यात व्यक्ति मुख्‍य पत्र प्रस्तुत करेंगे। इस सूची में ऊर्जा सुरक्षा और पर्यावरणीय चुनौतियां पर डॉ.वी.के.सारस्वत, सदस्य (एस एंड टी), नीति आयोग; परमाणु शक्ति: भारत की विकास अनिवार्यता पर डॉ. अनिल काकोदकर, अध्यक्ष एनएएसआई; वैश्विक ऊर्जा आवश्यकताओं में कोयले की बढ़ती भूमिका: एक अवलोकन पर प्रो.वाई.पी.चुघ, इलिनोइस विश्वविद्यालय, अमेरिका; सीबीएम संसाधनों को लक्षित करने के लिए एक सुपर मॉडल दृष्टिकोण पर प्रोफेसर जोआन एस्टेरले, क्वींसलैंड विश्वविद्यालय, ऑस्ट्रेलिया; भारतीय उन्‍नत अल्ट्रा सुपर क्रिटिकल कार्यक्रम पर डॉ.एस.सी.चेतल, मिशन निदेशक, एयूएससी परियोजना; इंडियन स्टील स्लैग के मूल्‍यवर्धन के लिए कम कार्बन विकल्पों पर प्रोफेसर कोलिन हिल्स, ग्रीनविच विश्वविद्यालय, ब्रिटेन शामिल हैं।


एक टिप्पणी भेजें (0)
और नया पुराने
close