इससे शोधकर्ता नई चिकित्सकीय दवाएं विकसित कर सकते हैं,
जो दोनों एंजाइमों के संतुलन को बदलेगी।
लॉस एंजेलिस, मार्च। एक नए शोध में पैंक्रियाटिक कैंसर के मरीजों में पीएचएलपीपी 1 व पीकेसी एंजाइम के स्तरों के इस्तेमाल से लाभ मिलने की बात कही गई है। इससे शोधकर्ता नई चिकित्सकीय दवाएं विकसित कर सकते हैं, जो दोनों एंजाइमों के संतुलन को बदलेगी।
इस प्रकिया से पैंक्रियाटिक कैंसर से जूझ रहे लोगों के इलाज में सहयोग मिलेगा। समाचार एजेंसी सिन्हुआ के अनुसार, इस शोध का प्रकाशन बुधवार को 'मॉलिक्यूलर सेल' में किया गया है। इस शोध को सैन डिएगो के कैलिफोर्निया विश्वविद्यालय के फॉर्माकोलॉजी विभाग के एलेक्जेंड्रा न्यूटन व टिमोथी बाफी ने किया है।
नया शोध साल 2015 के टीम वर्क पर आधारित है, जिसमें पाया गया कि एंजाइम पीकेसी वास्तव में पैंक्रियाटिक कैंसर को रोकने का कार्य करता हैं। इसके पिछले अध्ययन में माना गया था यह ट्यूमर की वृद्धि को बढ़ाता है। हालिया शोध में पता चला है कि कोशिकाएं कैसे पीकेसी को नियंत्रित करती है और पीकेसी की ज्यादा सक्रियता का पता लगाती हैं।
न्यूटन ने कहा, इसका मतलब है कि पीएचएलपीपी। आपकी कोशिकाओं में पीकेसी की मात्रा तय करता है। उन्होंने कहा, यह पैंक्रियाटिक कैंसर के लिए एंजाइम स्तरों में बदलाव लाता है।
अब दिल्ली में भी कैंसर का टोमोथेरेपी से उपचार -
नई दिल्ली। कैंसर के उपचार के लिए राजधानी के बीएलके सुपर स्पेशियल्टी हॉस्पिटल ने अत्याधुनिक टोमोथेरेपी रैडीजेक्ट 9 लांच करने की घोषणा की है। हॉस्पिटल के रेडियेशन ऑकोलॉजी के अध्यक्ष एवं वरिष्ठ सलाहकार डॉ एस हुक्कु ने बुधवार को यहां यह घोषणा करते हुए कहा कि टोमोथेरेपी सटीक और तीव्रता के साथ कैंसर के मरीजों के इलाज में बहुत अधिक कारगर पाई गई है।
यह नई और आधुनिक मशीन उन मरीजों के लिए वरदान साबित हुई है जिन्हें गंभीर बीमारियों खासतौर से कैंसर के इलाज के लिए रेडियेशन थेरेपी की जरूरी होती है। उन्होंने कहा कि उत्तर भारत में त में दीएनके सर सेंटर हि पहली अत्याधुनिक मशीन लगी है जो कैंसर के मरीजों के लिए कई तरह से फायदेमंद है।
हाल ही में टोमोथेरेपी की शुरूआत के साथ रेडियेशन ऑकोलॉजी एक नए स्तर तक पहुंच गई है। इसमें रिफाईन्ड एक्स रे बीमलाईन और नेक्स्ट जेनरेशन इमेजिंग टेक्नोलॉजी के इस्तेमाल से मरीजों का उपचार किया जाता है।
टोमोथेरेपी कैंसर के इलाज का आधुनिक तरीका है जिसमें इंटेसिटी मोड्यूलेटेड थेरेपी के साथ कम्प्यूटेड टोमोग्राफी (सीटी) स्कैनिंग टेक्नोलॉजी (आईजीआरटी- इमेज गाईडेड रेडियोथेरेपी) का इस्तेमाल किया जाता है।