इंटेलिजेंट ट्रैफिक सिस्टम योजना ट्रायल के फेर में उलझी 

शहर में यातायात व्यवस्था नहीं है पटरी पर


तीन स्थानों पर किए गएट्रायल दे रहे सकारात्मक परिणाम, 
2015 में नोएडा ग्रेटरनोएडा एक्सप्रेस-वे पर लगाया गया था सिस्टम



नोएडा, मार्च। शहर में यातायात व्यवस्था को पायदान पर लाने के लिए प्राधिकरण की इंटेलिजेंट ट्रैफिक सिस्टम योजना अब तक ट्रायल पर है। इसको शहर में सुचारू रूप से लागू नहीं कियाजा सका है। जबकि योजना के पहले चरण में नोएडा में 23 स्थानों पर इस सिस्टम को लगाया जाना था।


यह स्थान नोएडा प्राधिकरण व यातायात पुलिस के संयुक्त सर्वे के बाद चिन्हित किए गए थे। वर्तमान में एमपी-1 सड़क पर चौड़ा मोड़, रजनीगंधा व बीएसएनएल चौराहों पर एडप्टिव सिस्टम लगाकर ट्रायल लिया जा रहा है। शहर में यातायात व्यवस्था पटरी पर नहीं है। 


यहा मुख्य सड़कों पर जाम लगने से वाहन चालकों को घंटो समय खराब होता है। इसको देखते हुए प्राधिकरण ने इंटेलिजेंट ट्रैफिक सिस्टम की योजना बनाई थी। हालांकि योजना बने करीब चार से ज्यादा का समय हो गया। लेकिन अमल में अब लाई जा रही है। रफ्तार अब भी इतनी धीमी है कि विगत दो महीने में महज तीन ट्रैफिक जंक्शन पर ही इसका ट्रायल शुरू हो सका है। इसका परिणाम भी सकारात्मक है।


इसके अलावा नोएडा ग्रेटरनोएडा एक्सप्रेस-वे पर इसके जरिए चालान काटे जा रहे है। लेकिन समय समय पर यह प्रणाली वहा ठप होती रही। इसका असर चालानों पर देखने को मिला। इस सिस्टम के तहत एक ट्रैफिक सिग्नलो में एक चिप लगाई जा रही है। यह चिप वाहनों की संख्या के अनुसार ही लाइटों का  संचालन करती है। जिस दिशा में ज्यादा वाहन है वहां रेड लाइट हो जाएगी। इसी तरह यह चिप अगली लाइट के समानान्तर ही काम करती है।


सिस्टम ठप या लापरवाही के चलते नहीं काटे गए चालान आरटीआई के जरिए नोएडा-ग्रेटर नोएडा एक्सप्रेस-वे पर मार्च 2015 से लगाए गए इंटेलिजेंट ट्रैफिक सिस्टम के जरिए अक्टूबर 2018 तक जारी हुए ई चालानों का विवरण मांगा। इसके जवाब मिलने पर यह खुलासा हुआ है। ऐसे में 2015 में कुल 16671 चालन किए गए। 2016 में कुल 11338 चालान काटे, लेकिन चार महीने ऐसे रहे, जिसमें एक भी चालान नहीं काटा गया।


इसी तरह 2017 में 11490 चालान हुए पर पांच महीने तक एक भी चालान नहीं कटा। इस दौरान कभी महीने भर में मात्र 304 तो किसी महीने 38,201 चालान हुए। 2018 के जनवरी महीने के दौरान एक भी चालान नहीं काटा गया, लेकिन फरवरी ने अक्टूबर तक 35890 काट दिए गए। करीब चार साल में कुल 75389 चालान काटे गए।


2015 में कुल 6299 चालान का शमन होने से 19,48,500 रुपए अर्जित किए। 2016 में 2544 चालान शमन हुए, जिसने 8,04,200 रुपए वसूले गए। 2017 में पांच महीने तक एक भी चालान का शमन नहीं हुआ।


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