कई बड़े बैंक तैयार SBI की राह पर चलने के लिए 

रेपो रेट में कटौती का फायदा तत्काल ग्राहकों तक
पहुंचाने के लिए उठाएंगे कदम



देश के सबसे बड़े बैंक स्टेट ऑफ बैंक (SBI) ने रेपो रेट में कटौती का फायदा तुरंत ग्राहकों तक पहुंचाने केलिए बड़ा कदम उठाया है। स्टेट बैंक ने जमा और कर्ज को सीधे रेपो रेट से जोड़ दिया है। इससे जैसे ही रेपो रेट कम होगा, लोन सस्ते हो जाएंगे। इसके साथ ही जमा पर ब्याज दर भी कम हो जाएगी। अब कई अन्य बड़े बैंक भी इसको करने की तैयारी में हैं। सूत्रों के अनुसार, यह कवायद दरअसल वित्त मंत्रालय के कहने पर की गई हैं।


पहले यह कदम बड़े सरकारी बैंक उठाएंगे। इसके बाद बड़े प्राइवेट बैंक द्वारा किया जाएगाSBI के बाद पंजाब नैशनल बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा और अन्य बैंक भी जमा और लोन को रिजर्व बैंक के रेपो रेट से जोड़ेगे। कई सरकारी बैंकों के वरिष्ठ अधिकारियों के अनुसार, बैंक बोर्ड की मीटिंग करके जमा राशि और लोन की सीमा तय करेंगे। इसके बाद उसको रेपो रेट से जोड़ा जाएगा।


• SBI के बाद PNB, BoB और अन्य बैंक भी जमा और लोन को रिजर्व बैंक के रेपो रेट से जोड़ेंगे


SBI ने उन सेविंग अकाउंट्स को रेपो रेट से जोड़ने का फैसला किया है, जिनके सेविंग खाते में एक लाख रुपये से ज्यादा की राशि होगी। SBI के मुताबिक, नई दरें 1 मई से लागू होंगी। RBI की नाराजगी? सूत्रों के अनुसार, RBI इस बात से बैंकों से नाराज है कि रेपो और रिवर्स रेपो रेट कम होने के बावजूद बैंकों ने अपने लोन को सस्ता नहीं किया है। SBI ने मात्र 30 लाख रुपये तक के होमलोन पर 0.05 पर्सेट की ब्याज दर कम की हैं। इसके के बाद रिजर्व बैंक के गवर्नर ने बैंकों के प्रमुखों के साथ मीटिंग में उनसे अपील भी की, मगर उसका ज्यादा असर नहीं पड़ा।


बैंकों की इस मामले में यह दलील थी कि लोन सस्ता करने के लिए जरूरी है कि डिपॉजिट रेट भी कम किया जाए। यही कारण हैं। कि अब बीच का रास्ता निकालते हुए जमा और लोन को रेपो रेट से जोड़ने की शुरुआत SBI ने की है। कितना लाभ कितनी हानि SBI के MD पी के गुप्ता के अनुसार, बैंक ने ऐसा इसलिए किया कि रिजर्व बैंक के रेपो रेट में बढ़ोतरी या कटौती का सीधा लाभ ग्राहकों को मिले।


इससे यह होगा कि जैसे ही रिजर्व बैंक ने रेपो रेट कम किया या बढ़ाया तो लोन सस्ते या महंगे हो जाएंगे। मगर उसी हिसाब से जमा पर ब्याज दर भी कम हो जाएगी। यह तभी होगा. जब रिजर्व बैंक रेपो रेट कम करेगा या बढ़ाएगा। वरना स्थिति यथावत रहेगी। इधर, एक्सपर्ट का कहना है कि रेपो रेट कम होने से जहां लोन सस्ता होगा, वहीं जमा पर भी ब्याज दर कम होने से बैंक, लोन और जमा पर ब्याज दरों के बीच संतुलन रख सकेंगे।


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