दूसरे के इश्योरेंस नंबर पर नहीं होगा पंजीयन,
फर्जी नंबर डाल बीमा करने वालों पर होगी कार्रवाई
नोएडा, मार्च। सेक्टर-33 स्थित परिवहन कार्यालय में नए वाहनों का पंजीयन कराना आसान नहीं होगा। पंजीयन से पहले स्वामी को वाहन का इंश्योरेंस, टैक्स जमा करने के साथ बैंक संबंधी सभी कागजी कोरम पूरे करने होंगे। इनमें से एक भी अधूरा होने पर परिवहन विभाग का साफ्टवेयर वाहन पंजीयन की कार्रवाई रोक देगा, क्योंकि टैक्स जमा कराने के बाद इंश्योरेंस कंपनी को भी परिवहन विभाग अपने साफ्टवेयर से जोड़ेगा।
शासन स्तर पर इसकी तैयारी कर ली गई है। जल्द ही विभाग के साफ्टवेयर में इसे लोड कर दिया जाएगा। अभी लोग वाहनों के पंजीयन नवीनीकरण में फर्जी इंश्योरेंस नंबर डाल देते हैं। परिवहन विभाग के साफ्टवेयर में इंश्योरेंस का कालम बना है। नंबर डालने के बाद आगे की प्रक्रिया शुरू होती है। कुछ लोग दूसरे फर्जी नंबर डालकर अपने वाहनों का पंजीयन करा लेते हैं लेकिन अब ऐसा नहीं हो सकेगा।
विभाग के साफ्टवेयर में वाहन के इंश्योरेंस की तिथि, वैधता अवधि व उसका नंबर स्पष्ट दिखेगा। दूसरे वाहन का नंबर डालते ही साफ्टवेयर उसे फेल कर आगे की प्रक्रिया पर रोक लगा देगा। परिवहन विभाग के अधिकारी ने बताया कि वाहन फाइनेंस होने के बाद पंजीयन फार्म पर बैंक का मुहर लगता है। वाहन स्वामी और बैंक दोनों के नाम से वाहन का पंजीयन होता है।
वाहन का लोन पूरा होने पर बैंक से अनापत्ति प्रमाणपत्र जारी होने के बाद परिवहन कार्यालय से वाहन स्वामी का नाम कटता है। यह भी बता दे कि कई मामलों में बैंक से फाइनेंस के बाद भी वाहन स्वामी संबंधित कागज नहीं दिखाते हैं। बाद में वाहन स्वामी दूसरे को वाहन बेच देते हैं।
इस तरह के कई मामले न्यायालय में विचाराधीन होने के साथ परिवहन कार्यालय में विवादित पड़े हैं। एआरटीओ -एके पांडेय ने बताया कि अब वाहनों की पंजीयन कराने के लिए स्वामी को सभी प्रपत्र पूरे करने होंगे। इसके बाद वाहन का पंजीयन होगा।