करोड़ों की बिजली पर डाकार रहे ई-रिक्शा नोएडा में 

फर्जीवाड़ा-पीवीवीएनएल ने की सेक्टर-57 में चार्जिंग स्टेशन बनवाने का दावा



शहर में कहीं भी नहीं है रिक्शा चार्जिंग प्वाईंट, बिजली विभाग के नाक नीचे चल रही चोरी


नोएडा, मार्च। शहर में दौड़ रहे वैध और अवैध ईरिक्शा न केवल जाम कापर्याय बन चुके हैं, बल्कि हर महीने करोड़ों रुपए की बिजली चोरी कर रहे हैं। शहर में एक भी चार्जिंग स्टेशन नहीं है और हर रोज ई-रिक्शा सड़क पर उतर रहे हैं। शहर की यातायात जरूरतों और प्रदूषण को ध्यान में रखते हुए जिला प्रशासन ने ई-रिक्शाओं के रजिस्ट्रेशन की अनुमति दी थी।


शहर में ई-रिक्शा चार्जिंग स्टेशन बनाए जाने थे। पीवीवीएनएल ने पहल करते हुए शहर के सेक्टर 57 में चार्जिंग स्टेशन बनवाने का दावा किया था।


इसके बाद से बिजली विभाग लगातार ई-रिक्शा चार्जिंग स्टेशन बनाने के इच्छुक लोगों को कनेक्शन लेने के लिए आमंत्रित कर रहा है, लेकिन कोई आगे नहीं आया है। ईरिक्शा सर्विस कामर्शियल गतिविधि के अंतर्गत आती है। इन्हें कामर्शियल कनेक्शन के जरिए ही चार्ज किया जा सकता है।


लेकिन ई-रिक्शा मालिक अपने घरेलू कनेक्शन के जरिए ही इन्हें चार्ज कर रहे हैं या अवैध चार्जिंग स्टेशनों पर चोरी-छिपे चार्ज कराते हैं। यह धंधा बिशनपुरा, सोरखा और निठारी में सबसे अधिक चल रहा है। हर महीने करोड़ों रुपए की बिजली पर डाका ई-रिक्शा में 12-12 वोल्ट की 4 बैटरी (48 वोल्ट) होती हैं।


इन्हें चार्ज करने के लिए कम से कम 10 से 12 घंटे का समय लगता है। इसमें करीब 8 यूनिट बिजली खर्च होती है। शहर में दौड़ रहे ई-रिक्शा प्रतिदिन करीब 1 लाख 20 हजार यूनिट बिजली खपत करते हैं, जो 7 रुपये प्रति यूनिट की दर से 8 लाख 40 हजार रुपये बैठती है। यानी हर महीने करीब ढाई करोड़ रुपए की बिजली चोरी हो रही है।


यहां सवाल ये भी है कि जब ई रिक्शा चार्जिंग स्टेशन ही नहीं हैं, तो वैध वाले भी कहां चार्ज कराएं। ई-रिक्शा को घरेलू कनेक्शन से चार्ज नहीं किया जा सकता। जो ऐसा करता पकड़ा जाता है, उसके खिलाफ रिपोर्ट दर्ज कराई जाती है। नियम-शर्त पूरी कर कोई भी चार्जिंग स्टेशन का कनेक्शन ले सकता है।


राकेश राणा, अधीक्षण अभियंता नोएडा


 


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