प्रचार पत्र भेजे जा रहे हैं जल बोर्ड के उपभोक्ताओं को 

शिकायत की भाजपा ने  



नई दिल्ली, मार्च। आम आदमी पार्टी के मुखिया तथा मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के विरुद्ध दिल्ली जल बोर्ड के उपभोगकर्ताओं को सरकारी मशीनरी का दुरुपयोग करते हुए अपनी पार्टी का प्रचार पत्र भेजने की शिकायत की सामने आई है। ये प्रचार पत्र मुख्यमंत्री के सरकारी लेटर हेड पर मुद्रित करवाए गए हैं।


सरकारी सामग्री और तंत्र का इस प्रकार दुरुपयोग गैरकानूनी है और इसकी शिकायत करने के लिए नेता विपक्ष विजेन्द्र गुप्ता और सांसद रमेश बिधूड़ी ने आज दिल्ली के मुख्य चुनाव अधिकारी से मुलाकात की। उन्होंने आरोप लगाया कि आम आदमी पार्टी और उसके मुखिया आदर्श आचार संहिता का गंभीर उल्लंघन कर रहे हैं। इसके लिये मुख्यमंत्री तथा अन्य दोषियों के विरूद्ध सख्त कार्रवाई की जानी चाहिये ताकि इस प्रकार के अवैधानिक कायों को रोका जा सके।


उन्होंने बताया कि इस पत्र में दिल्ली जल बोर्ड द्वारा चार साल में किए गए कार्यों का उल्लेख है और वायदा किया गया है कि दिल्ली सरकार ऐसी योजना लेकर आ रही है कि दिल्लीवासियों को 24 घंटे निरंतर पानी की सप्लाई मिलती रहे। मुख्यमंत्री दिल्ली जल बोर्ड के अध्यक्ष भी हैं तथा जल मंत्री भी हैं। उनके नाम से लाखों प्रचार पत्र छपाए गए हैं जिन्हें पानी के बिलों के साथ उपभोक्ताओं को भेजा जा रहा है।


दोनों नेताओं ने मुख्य चुनाव अधिकारी से मांग की है कि दिल्ली जल बोर्ड के कार्यालयों में छापे मारे जाएं और इस प्रकार की आपत्तिजनक प्रचार सामग्री को जब्त किया जाए। इसके लिए मुख्यमंत्री तथा अन्य दोषियों के विरुद्ध कार्रवाई की जाए। इस प्रकार उन्हें वोटरों को प्रभावित करने का कोई अधिकार नहीं है।


जलबोर्ड कार्यालय में ट्रक भरकर प्रचार सामग्री पहुंचाई गई -


दोनों नेताओं ने बताया कि आज ट्रक भरकर प्रचार पत्र दिल्ली जल बोर्ड के उपभोक्ताओं को बिलों के साथ भेजे जाने के लिए विभिन्न कार्यालयों में भेजे जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि आज नरेला स्थिति पानी की टंकी के समीप साफियाबाद रोड स्थित जल बोर्ड के कार्यालय तथा अशोक विहार, सी ब्लाक पानी की टंकी स्थित जलबोर्ड कार्यालय में ट्रक भरकर प्रचार सामग्री पहुंचाई गई।


उन्होंने इसे सरकारी धन तथा तंत्र का दुरूपयोग बताते हुए कहा कि आदर्श आचार संहिता के अनुरूप सरकार चुनावों के दौरान इस प्रकार की प्रचार सामग्री उपभोक्ताओं को नहीं भेज सकती। उन्होंने मांग की है कि चुनाव आयोग इस प्रकार के आदर्श आचार संहिता के उल्लंघन को गंभीरता से लें।


 


एक टिप्पणी भेजें (0)
और नया पुराने
close