चांदनी चौक पर लोकसभा चुनाव में एक बार फिर टिकीं सबकी नजरें
नई दिल्ली, मार्च। देश की राजधानी दिल्ली की सात लोकसभा सीटों में से एक चांदनी चौक पर लोक सभा चुनाव-2019 में एक बार फिर सबकी नजरें टिकी हैं। चांदनी चौक को पुरानी दिल्ली के नाम से भी जाना जाता है। यह क्षेत्र घनी आबादी के साथ-साथ चुनावी लिहाज से भी अहम है। इस बार लोकसभा चुनाव के लिए यहां से आम आदमी पार्टी ने पंकज गुप्ता को उतारने की घोषणा की है।
चांदनी चौक सीट पर 2014 तक कुल 14 लोक सभा चुनाव में ज्यादातर बार कांग्रेस ने जीत दर्ज की है। कांग्रेस अब तक यहां से नौ बार जीत चुकी है जबकि बीजेपी ने चार बार बाजी मारी है। चांदनी चौक सीट पर सबसे पहले 1957 में कांग्रेस कि राधा रमण ने जीत दर्ज की थी।
इसके बाद साल 1962 में दोबारा फिर कांग्रेस के शाम नाथ ने ही यहां जीत हासिल की। इसके बाद 1967 में घाजी पलटते हुए भारतीय जनसंघ (बीजेएस) से आर. गिपाल ने यहां जीत दर्ज कीइसके बाद फिर 1971 में कांग्रेस को सुभद्रा जोशी ने यह सीट कांग्रेस की झोली में डाल दी। इसके बाद फिर साल 1977 में इस सीट पर बीएलड़ी का कब्जा रहा।
बाद में फिर 1980, 1984 और 1989 में इस सीट पर सिर्फ कांग्रेस का ही परचम लहराया। साल 1991 में यह सीट बीजेपी से ताराचंद खंडेलवाल के खाते में पहुंची। साल 1996 में कांग्रेस के जय प्रकाश अग्रवाल चांदनी चौक के सांसद बने। साल 1998 और साल 1999 में बीजेपी के विजय गोयल इस सीट पर काबिज रहे।
इसके बाद 2004 और 2009 में कांग्रेस के कपिल सिब्बल को यहां जीत हासिल हुई थी। इसके बाद 2014 के लोक सभा चुनाव में जीत दर्ज कराने के बाद फिलहाल डॉ. हर्षवर्धन यहां से सांसद हैं। 2014 लोकसभा चुनाव में चांदनी चौक लोकसभा सीट पर बीजेपी का परचम लहराया था। इस सीट पर बीजेपी के डॉ. हर्षवर्धन, आम आदमी पार्टी के आशुतोष और कांग्रेस के दिग्गज कपिल सिब्बल ने चुनाव लड़ा था।
साल 2014 में इस सीट पर कुल 69 फीसदी मतदान हुआ था। डॉ. हर्षवर्धन ने 437938 वोटों के साथ चुनाव जीता। तीसरे स्थान पर कांग्रेस के कपिल सिब्बल ने कुल 176206 वोट हासिल किए थे। बीते तीन लोकसभा चुनाव का रिपोर्ट कार्ड अगर बोते तोन चुनावों के वोट पर नजर डालें तो दिल्ली के लोगों के दिल के हाल का पता लगाना मुश्किल होगा। साल 2004 के चुनावों में यहां 71 फीसदी वोट प्रतिशत के साथ फैसला कांग्रेस के पक्ष में था।