शेयर बाजार की दिशा एफआईआई के रुख से तय होगी 

बाजार - इस सप्ताह उतार-चढ़ाव रहने की संभावना शेयर बाजार में 



रुपए की चाल व राजनीतिक समीकरण पर भी रहेगी नजर,
अगले सप्ताह 29 मार्च को वित्तीय घाटे के आंकड़े जारी होने हैं


मुम्बई, मार्च। बीते सप्ताह घरेलु संस्थागत निवेशकों की मुनाफा वसूली के बावजूद विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) के शुद्ध लिवाल बने रहने तथा भारतीय मुदा की मजबूती के दम पर घरेलू शेयर बाजार में लगातार पांचवीं साप्ताहिक तेजी दर्ज की गई।


आलोच्य सप्ताह के दौरान बीएसई का 30 शेयरों वाला संवेदी सूचकांक सेंसेक्स 140.29 अंक यानी 0.37 प्रतिशत की साप्ताहिक बढ़त के साथ 38,164.61 अंक पर और नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी 30.05 अंक यानी 0.26 प्रतिशत की तेजी के साथ 11,456.90 अंक पर बंद हुआ।


आलोच्य सप्ताह के दौरान दिग्गज कंपनियों के विपरीत छोटी और मंझोली कंपनियों पर बिकवाली का दबाव रहा। बीएसई का मिडकैप 94.63 अंक यानी 0.62 प्रतिशत की गिरावट के साथ 15,076.89 अंक पर और स्मॉलकैप 78.38 अंक यानी 0.53 प्रतिशत की साप्ताहिक बढ़त के साथ 14,758.80 अंक पर बंद हुआ। आगामी सप्ताह भी शेयर बाजार पर डॉलर की तुलना में रुपए की स्थिति पर निवेशकों की नजर रहेगी।


बीते सप्ताह रुपया डॉलर की तुलना में 15 पैसे मजबूत हुआ है। इस दौरान देश का विदेशी मुद्रा भंडार भी तेजी से बढ़ा। देश का विदेशी मुद्रा भंडार गत 15 मार्च को समाप्त सप्ताह में लगातार पांचवीं साप्ताहिक तेजी दर्ज करता हुआ 3.60 अरब डॉलर बढ़कर 405.63 अरब डॉलर पर पहुंच गया। अगले सप्ताह 29 मार्च को वित्तीय घाटे के आंकड़े जारी होने हैं, जिसका असर शेयर बाजार पर रहेगा।


अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों का असर भी शेयर बाजार पर रहेगा। ब्रेट क्रूड वायदा फिलहाल 70 डॉलर प्रति बैरल से नीचे बना हुआ जिससे निवेश धारणा को मजबूती मिली है। अगले सप्ताह जारी होने वाले जापान के आर्थिक आंकड़े पर भी निवेशकों ही नजर रहेगी।


निवेशक इसके साथ ही आगामी लोकसभा चुनाव के मद्देनजर बदलते राजनीतिक समीकरणों पर भी अपना ध्यान रखेंगे। कई राजनीतिक दलों ने बीते सप्ताह कई लोकसभा सीटों के लिए अपने-अपने उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है।


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