तेजी से बढ़ रहा कारोबार नकली उत्पादों का

नकली उत्पादों के कारोबार के मामले में भारत छठे स्थान पर



नई दिल्ली, मार्च। दुनिया भर में नकली उत्पादों का कारोबार तेजी से बढ़ रहा है, जिसमें सबसे अधिक हिस्सेदारी फुटवियर, परिधान, चमड़े के सामान, इलेक्ट्रिक उपकरण, घड़ियों, मेडिकल उपकरण, इत्र, खिलौनों, जेवरात और दवाओं की है। 


नकली उत्पादों के कारोबार के मामले में भारत छठे स्थान पर है जबकि वर्ष 2014 से वर्ष 2016 के बीच चीन और हांगकांग अव्वल स्थान पर अदलाबदली करते रहे। वर्ष 2016 में दुनिया भर में सीमाशुल्क अधिकारियों द्वारा 509 अरब डॉलर के नकली उत्पाद के आयात को जब्त कियागया जबकि वर्ष 2013 में यह आंकड़ा 461 अरब डॉलर रहा था। वर्ष 2013 में कुल वैश्विक कारोबार में नकली उत्पादों के कारोबार की हिस्सेदारी ढाई प्रतिशत थी।


यूरोपीय संघ में संघ से बाहर के देशों से आयातित नकली उत्पादों का योगदान वर्ष 2016 में 6.8 प्रतिशत रहा जबकि वर्ष 2013 में यह पांच प्रतिशत था। इस आंकड़े में घरेलू स्तर पर उत्पादित नकली उत्पाद, उपभोग किए गए नकली उत्पाद और इंटरनेट के माध्यम से वितरित किए गए नकली उत्पाद शामिल नहीं हैं। वर्ष 2016 में नकली उत्पादों से सबसे अधिक प्रभावित देश अमेरिका रहा।


दुनिया भर में जब्त किए गए नकली सामानों में अमेरिका के ब्रांड, ट्रेडमार्क और पेटेंट कीहिस्सेदारी 24 प्रतिशत रही। इसके बाद फ्रांस के 17 प्रतिशत, इटली के 15 प्रतिशत, स्विट्जरलैंड के 11 प्रतिशत और जर्मनी के नौ प्रतिशत उत्पाद रहे।


ओईसीडी के मुताबिक उच्चस्तरीय भ्रष्टाचार, बौद्धिक संपदा अधिकार की संरक्षा में कमी, श्रमिक लागत में कमी और श्रमिक कानून में ढिलाई के कारण नकली उत्पादों का कारोबार फल फूल रहा है। नकली उत्पादों के कारोबार से कंपनियों और सरकार को तो नुकसान होता ही है, इससे साथ। ही संगठित अपराधी गुटों को। बढ़ावा मिलता है।


एक टिप्पणी भेजें (0)
और नया पुराने
close