राष्ट्रपति ने न्यायाधीश पीसी घोष के नाम पर लगाई मुहर
नई दिल्ली, मार्च। देश को पहला लोकपाल मिल गया है। सर्वोच्च न्यायाल के सेवानिवृत्त न्यायाधीश पिनाकी चंद्र घोष को देश का पहला लोकपाल नियुक्त किया गया है। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने मंगलवार को लोकपाल की नियुक्ति को मंजूरी दी है। इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन, प्रख्यात कानूनविद मुकुल रोहतगी की चयन समिति ने शुक्रवार को उनका नाम तय किया और इसके बाद उनकी फाइल को राष्ट्रपति के पास मंजूरी के लिए भेजा गया था।
घोष सर्वोच्च न्यायालय से मई | 2017 को सेवानिवृत्त पीसी घोष सर्वोच्च न्यायालय से मई 2017 को सेवानिवृत्त हुए थे, वे इस वक्त राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग के सदस्य हैं। पीसी घोष तमिलनाडु की पूर्व मुख्यमंत्री जयललिता की सहयोगी रहीं शशिकला को आय से अधिक संपत्ति के मामले में दोषी ठहरा चुके हैं। लोकपाल कमेटी के न्यायिक सदस्यों की लिस्ट में 5 नाम शामिल हैं।
इनमें जस्टिस दिलीप भोसले, न्यायाधीश प्रदीप मोहंती, न्यायाधीश अभिलाषा कुमारी, न्यायाधीश अजय कुमार त्रिपाठी शामिल हैं। इसके अलावा गैर न्यायिक सदस्यों में दिनेश कुमार जैन, अर्चना रामासुंदरम, महेंद्र सिंह, इंद्रजीत प्रसाद गौतम का नाम शामिल है। अधिसूचना के मुताबिक प्रभार लेने के साथ ही इन सदस्यों की नियुक्ति प्रभावी मानी जाएगी।
घोष का जन्म 28 मई 1952 को हुआ था और वह जस्टिस शंभू चंद्र घोष के बेटे हैं। वह सर्वोच्च न्यायालय के जज रह चुके हैं और कई राज्य के मुख्य न्यायाधीश रह चुके हैं। अभी पीसी घोष मानवाधिकार आयोग के सदस्य हैं।