औसत आयु समय के साथ बढ़ी लोकसभा की

पार्टियां प्राथमिकता देती हैं, युवा जोश से ज्यादा अनुभव को 



आवाज़ ए हिंद टाइम्स सवांदाता, नई दिल्ली, अप्रैल। देश में युवाओं की संख्या में भले ही लगातार वृद्धि हुई है लेकिन विभिन्न लोकसभाओं में सदस्यों की औसत आयु कम होने की बजाय बढ़ी है और यह 46 से बढ़कर 55 वर्ष हो गई है।


वर्ष 1952 में गठित पहली लोकसभा में सदस्यों की औसत आयु 46.5 वर्ष थी जो 2014 में चुनी गई 16वीं लोकसभा में बढ़कर 55.64 वर्ष हो गई। बारहवीं लोकसभा में सदस्यों की औसत आयु (46.4) अब तक की सबसे कम रही है।


लोकसभा सचिवालय के आंकड़ों के अनुसार दूसरी लोकसभा में सदस्यों की औसत आयु में मामूली वृद्धि हुयी और यह 46.7 रही। तीसरी लोकसभा में सदस्यों की औसत आयु बढ़कर 49.4 पहुंच गयी लेकिन चौथी लोकसभा में इसमें गिरावट आयी और यह 48.7 रह गयी। पांचवीं लोकसभा में सदस्यों की औसत आयु फिर बढ़ी और यह 49.2 वर्ष हो गयी।


छठी लोकसभा में यह तेजी से बढ़कर 52.1 वर्ष पर पहुंच गयी। इसके बाद इसमें गिरावट आयी और सातवीं लोकसभा में सदस्यों की औसत आयु 49.9 वर्ष थी जो आठवीं में फिर बढ़कर 51.4 वर्ष हो गयी। नवीं लोकसभा में यह 51.3, दसवीं में 51.4 तथा 11वीं लोकसभा में यह 52.8 वर्ष रही।


बारहवीं लोकसभा में चुने गये सदस्यों की औसत आयु में काफी कमी आयी और यह 46.4 वर्ष रही जो अब तक की सबसे कम तेहरवीं लोकसभा में औसत आय फिर बढ़ी और यह 55.5 वर्ष पर पहुंच गयी।


चौदहवीं लोकसभा में यह 52.63 तथा 15वीं में 53.03 वर्ष रही। पिछले आम चुनाव के बाद बनी 16वीं लोकसभा में सदस्यों की औसत आयु 55.64 वर्ष दर्ज की गयी जो अब तक की सर्वाधिक है। देखना है कि इस समय हो रहे आम चुनाव के बाद बनने वाली लोकसभा में इसमें बढ़ोतरी होती है या गिरावट।


जनसंख्या के आंकड़ों के अनुसार देश में इस समय 65 प्रतिशत आबादी 35 वर्ष तक की आयु के युवाओं की है। लेकिन जिस तरह से राजनीतिक युवाओं की अपेक्षा अनुभव को प्रथमिकता दे रहे हैं। उससे इतना तय है कि 17वीं लोकसभा भी औसत उम्र के मामले में युवा कम ही दिखाई देगी।


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