मौसम का कोई असर नहीं हिमलिंग पर 

अमरनाथ का हिमलिंग, इस बार भी 20 से 22 फुट ऊंचा प्रकट हुआ, 1 जुलाई से आरंभ हो रही अमरनाथ यात्रा



आवाज़ ए हिंद टाइम्स सवांदाता, जम्मू, अप्रैल। अमरनाथ यात्रा शुरू होने से पहले 14500 फुट की ऊंचाई पर स्थित अमरनाथ यात्रा के प्रतीक हिमलिंग को बचाना अमरनाथ यात्रा श्राइन बोर्ड के लिए मुसीबत बन गया है।


राज्य सरकार द्वारा सर्दी के कारण हिमलिंग की रक्षार्थ सुरक्षाकर्मी तैनात करने से इंकार के बाद उसे अपनी एक टीम को रवाना करना पड़ा है जो माइन्स 15 डिग्री तापमान में गुफा के बाहर डेरा डालेगी। टीम को वहां भिजवाने का मकसद यात्रा से पहले दर्शन करने की कोशिश करने वालों को रोकना भी है।


यह भी सच है कि अमरनाथ की पवित्र गुफा में इस बार बनने वाला तकरीबन 20 से 22 फुट का ऊंचा हिमलिंग उस ग्लोबल वार्मिंग को जरूर चिढ़ा रहा है जिसके कारण दुनियाभर में बर्फ के तेजी से पिघलने का खतरा पैदा हो गया है। इस हिमलिंग के दर्शनों की खातिर 1 जुलाई से आरंभ होने जा रही अमरनाथ यात्रा की तैयारियां भी आरंभ हो चुकी हैं।


यह सच है कि दुनिया भर के बढ़ते तापमान का असर बाबा बर्फानी पर बिल्कुल नहीं दिख रहा है। ग्लोबल वार्मिग की वजह से लगाई जा रही अटकलों के बावजूद कश्मीर स्थित प्रसिद्ध अमरनाथ की गुफा में इस बार भी 20 से 22 फुट ऊंचा हिमलिंग प्रकट हुआ है।


इस बार अमरनाथ में बाबा बर्फानी 20 से 22 फुट के आकार में प्रकट हुए हैं। ग्लोबल वार्मिंग की आशंका के चलते माना जा रहा था कि हिमलिंग का आकार कम हो सकता है लेकिन 14500 फुट की ऊंचाई पर इस गुफा में बाबा बर्फानी अपने पुराने रूप में मौजूद हैं।


जहां एक तरफ कश्मीर के ग्लेशियर तेजी से पिघल रहे हैं। वहीं इस वर्ष भी बाबा बर्फानी माता पार्वती और पुत्र गणेश के साथ पहले जैसे ही आकार में प्रकट हुए हैं। बाबा के द्वार तक पहुंचने के लिए भक्तों को काफी वक्त लग जाता है। बाबा के भवन तक जाने वाले बालटाल के रास्ते में अभी भी बीस फुट के करीब बर्फ जमा है।


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