हेलीकॉप्टर चिनूक वायु सेना को मिला 

वायुसेना के जंगी बेड़े में शामिल किया गया, लादेन के खात्मे के दौरान हुआ इस्तेमाल, अमेरिका से 15 हेलीकॉप्टर खरीद का हुआ सौदा।



चंडीगढ़, मार्च। अमेरिकी हेलीकॉप्टर चिनूक आज विधिवत रूप से भारतीय वायुसेना के जंगी बेड़े में शामिल हो गए। अमेरिकी कंपनी बोइंग द्वारा निर्मित इन हेवीलिफ्ट हेलीकॉप्टर्स से वायुसेना की ताकत में बड़ा इजाफा होने की उम्मीद है और गेम-चेंजर साबित हो सकता है।


खास बात ये है कि अमेरिकी नेवी सील कमांडोज ने चिनूक हेलीकॉप्टर का इस्तेमाल ओसामा बिन लादेन को खत्म करने वाले ‘नेप्चूयन स्पीयर' ऑपरेशन में किया था। चंडीगढ़ वायुसेना स्टेशन पर आज बोइंग कंपनी ने चार चिनूक हेलीकॉप्टर वायुसेना प्रमुख, वायुसेना प्रमुख मार्शल बी एस धनोआ को सौंपें।


भारत ने वर्ष 2015 में 15 चिनूक हेलीकॉप्टर खरीदने का सौदा अमेरिका से किया था। उसकी पहली खेप में ये चार हेलीकॉप्टर भारत पहुंच गए हैं। बाकी 11 भी अगले एक साल में भारत पहुंचने की उम्मीद है। चिनूक (सीएच-47एफआई) की पहली स्कॉवडून चंडीगढ़ में होगी और ये 'द फोदर वेट्स' के नाम से जानी जाती है।


इस स्कॉवडून में पहले से ही तीन (03) हेवीलिफ्ट हेलीकॉप्टर, मी 26 हैं, जो भारत ने 80 के दशक में रूस से खरीदे थे। ये दुनिया की पहली ऐसी स्कॉवडून होगी जहां रूसी और अमेरिकी हेलीकॉप्टर एक साथ फ्लाई करेंगे। चिनूक हेलीकॉप्टर की दूसरी स्कॉवड़न, असम के दिनजान में होगी, जो चीन सीमा के बेहद करीब है।


 


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