टैक्स का सुझाव रैपिड रेल के लिए लग्जरी गाड़ियों पर 

सरकारी खर्च वसूलने के लिए सात विकल्प पर हो रहा विचार



दिल्ली से मेरठ तक दौड़ने वाली रैपिड रेल से पहले ही गाजियाबाद में लग्जरी गाड़ियों को खरीदना महंगा हो सकता है। इस कॉरिडोर पर खर्च रकम वसूलने (वैल्यू फाइनेंस कैप्चरिंग) के लिए शासन ने एक एजेंसी से सुझाव मांगे हैं। एजेंसी ने सात विकल्प का प्रस्ताव जीडीए को सौंप दिया है। प्रस्ताव फिर शासन जाएगा।


शासन की मोहर के बाद ही अंतिम फैसला होगा। दिल्ली से मेरठ तक 85 किलोमीटर लंबा रैपिड रेल चलाने के लिए करीब 32 हजार 500 करोड़ रुपये का खर्चा आएगा। इसके लिए करीब 19 हजार 200 करोड़ रुपये का ऋण लिया जानाहै। ऋण की अदायगी के लिए शासन स्तर पर एजेंसी नियुक्त की गई है। लखनऊ में 19 मार्च को मुख्य सचिव आवास की अध्यक्षता में हुई बैठक में एजेंसी ने सात विकल्प का प्रस्ताव जीडीए को सौंपा है।


इस प्रस्ताव में मुख्य रूप से गाजियाबाद में लग्जरी गाड़ियों पर सेस लगाने का विकल्प रखा गया है। विकल्प है कि 0.25 फीसदी से एक फीसदी तक सेस लगाने का प्रस्ताव है। हालांकि इसमें किस कीमत की लग्जरी गाड़ियां होंगी। इस बारे में कुछ नहीं बताया गया है। इसके अलावा रैपिड रेल कॉरिडोर के दोनों तरफ 500 मीटर तक लैंड यूज चार्ज बढ़ाने, एफएआर ढाई से बढ़ाकर चार प्रतिशत करने, जमीन खरीद के लिए रजिस्ट्री शुल्क बढ़ाने, ट्रांजिट ऑरिएटल डेवेलपमेंट (टीओडी) जैसे विकल्प शामिल है।


इन सभी प्रस्तावों का अध्ययन कर जीडीए मंडलायुक्त को भेजेगा, फिर शासन को जाएगा। इसके बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। जीडीए अधिकारियों का कहना है कि हरियाणा में रैपिड रेल का नोटिफिकेशन जारी किया जा चुका है, अब जल्द ही दिल्ली से मेरठ कॉरिडोर पर भी काम शुरू होगा।


जीडीए उपाध्यक्ष कंचन वर्मा का कहना है कि रैपिड रेल के इस कॉरिडोर पर खर्च करने वाली कीमत वसूलने के लिए एजेंसी ने करीब सात विकल्पों का प्रस्ताव दिया है। साथ ही लग्जरी गाड़ियों पर सेस लगाने की भी बात कही है।


मेट्रो स्टेशनों पर साप्ताहिक बाजार -


नोएडा - ग्रेटर नोएडा लाइन के मेट्रो स्टेशन के नीचे साप्ताहिक बाजार लगाए जाएंगे। सप्ताह में हर शनिवार-रविवार दुकानदारों को अपने उत्पाद बेचने का मौका दिया जाएगा। इससे लोगों को देश के अलग-अलग हिस्सों की मशहूर चीजों को खरीदने का एक स्थान पर मौका मिलेगा।


सामान बेचने वाली कंपनियों से नोएडा मेट्रो रेल कॉरपोरेशन - एनएमआरसी कमाई करेगी। अधिकारियों का दावा है कि मेट्रो स्टेशनों पर इस तरह के बाजार देश में पहली बार लगेंगे। एनमएआरसी ने इसके लिए तैयारी शुरू कर दी है अधिकारियों ने बताया कि इस लाइन के मेट्रो स्टेशनों के नीचे व पास में काफी जगह खाली है। अब इसका सदुपयोग किया जाएगा।


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