खुलासा हुआ एनसीएलटी के दाखिल हलफनामे में 

1,400 बड़ी कंपनियां आईएलएंडएफ के विषाक्त बांड में फंसी 


पैसा फंसा लाखों कर्मचारियों की भविष्य व पेंशन निधि का 



आवाज़ ए हिंद टाइम्स सवांदाता, नई दिल्ली, अप्रैल। एक अभागी सरकार को सत्ता में आने के बाद की एक कठिन मुसीबत के लिए तैयार रहने की जरूरत है। फिलहाल ऐसा लगता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सत्ता में वापसी होगी, भले ही उन्हें अपने दम पर सामान्य बहुमत न मिल पाए।


इन्फ्रास्ट्रक्चर लीजिंग एंड फाइनेंशियल सर्विसेज पूरी तरह महामारी से ग्रस्त है। लेकिन मर्ज आखिरकार पकड़ में आ गई है, मगर इससे पीड़ित मरीजों की तादाद आश्चर्यजनक है। देश की 1,400 बड़ी कंपनियों की कुल 9,700 करोड़ रुपए की रकम आईएलएंडएफ के विषाक्त बांड में फंसी हुई। इसमें लाखों कर्मचारियों की भविष्य निधि और पेंशन निधि का पैसा फंसा हुआ है।


इसका खुलासा राष्ट्रीय कंपनी कानून न्यायाधिकरण (एनसीएलटी) के समक्ष आठ अप्रैल को अपीलकर्ताओं की ओर से दाखिल पूरक हलफनामे से हुआ है। इस खुलासे में आईएलएंडएफएस से जुड़ी विभिन्न कंपनियां शामिल हैं, जिनमें 970 कंपनियों के समूह आईएफसीआई फाइनेंशियल सर्विसेज लिमिटेड, आईएलएंडएफएस ट्रांसपोर्टेशन नेटवर्स (आईटीएनएल) और एचआरईएल शामिल हैं।


सूची में शक्तिशाली सार्वजनिक क्षेत्र के उद्यम (पीएसयू) जैसी प्रमाणिक भारतीय कंपनियां, अनेक कॉरपोरेट और आर्मी ग्रुप इंश्योरेंस फंड व अन्य जैसी इकाइयां शामिल हैं। यह कहना उपयुक्त होगा कि कर्मचारी वर्ग की बचत की राशि इसमें फंसी हुई है। मामला हालांकि एनसीएलएटी के पास है, लेकिन आईएलएंडएफएस या सरकार इस पैसे को वापस करने की स्थिति में नहीं है। इसमें संलिप्त कंपनियां दिवालिया हो चुकी हैं।


मालूम हो कि कंपनी में गड़बड़ी उजागर होने से पहले सितंबर 2018 तक बांड की रेटिंग 'एएए' थी। यह देखना रोचक होगा कि रायसीना हिल में बनने वाली नई व्यवस्था से इसपर सवाल पूछे। जाएंगे, भले ही भारतीय जनता पार्टी मजबूत गठबंधन के साथ नए अवतार में हो।


पैदा होने वाले संकट के स्वरूप को पूरी तरह समझते हुए एनसीएलएटी ने उसी दिन कर्ज में डूबी आईएलएंडएफएस की अंबर कंपनियों के ऐसे निवेश फंडों में पेंशन और भविष्यनिधि के निवेशों की सुरक्षा करने का कदम उठाने का आदेश दिया।


न्यायाधिकरण आगे 16 अप्रैल की बैठक में कर्मचारी भविष्य निधि और पेंशन निधि के बकाये कुछ भुगतान को जारी करने में दिलचस्पी ले सकता है। दो सदस्यीय पीठ ने कहा कि कितनी कंपनियों की भविष्य निधियां और पेंशन निधियां हैं? आप उनको भुगतान निर्गत करें। हम चाहते है कि उनका भुगतान पहले जारी हो।


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