मिलकर मुकाबला करेंगी तीनों सेनाएं चुनौतियों से 

भरी हुंकार सैन्य कमांडर सम्मेलन में तीनों सेनाओं ने 



आवाज़ ए हिंद टाइम्स सवांदाता, नई दिल्ली, अप्रैल। भविष्य की बदलती चुनौतियों को देखते हुए सैना के शीर्ष कमांडरों के सम्मेलन में तीनों सेनाओं के बीच बेहतर तालमेल और मिलकर अभियानों को अंजाम देने पर जोर दिया गया है।


सेना के शीर्ष कमांडरों के पिछले चार दिन से यहां हो रहे पहले छमाही सम्मेलन में इस बात पर जोर दिया गया कि भविष्य की चुनौतियों और जटिल स्थितियों से निपटने के लिए तीनों सेनाओं को मिलकर रणनीति और योजना बनानी होगी।


इसके लिए इनके बीच समन्वय और आपसी समझबूझ जरूरी है। इस समझबूझ को विकसित करने और मिलकर अभियानों को अंजाम देने का दृष्टिकोण पैदा करने के लिए वायु सेना प्रमुख एयर चीफ मार्शल बी एस धनोआ ने सम्मेलन को संबोधित किया।


उन्होंने वायु सेना के विजन और उसके मिशनों की विश्वसनीयता का उल्लेख करते हुए एकीकृत अभियानों के बारे में महत्वपूर्ण सुझाव दिए। सेना प्रमुख जनरल बिपिन रावत ने कहा कि चूंकि सेना में डिजीटीकरण निरंतर बढ़ रहा है इसलिए सभी अधिकारियों और जवानों को इसमें पारंगत बनाया जाना चाहिए जिससे कि अत्याधुनिक प्रौद्योगिकियों का अधिक से अधिक फायदा उठाया जा सके।


नौसेना प्रमुख एडमिरल सुनील लांबा ने समुद्री चुनौतियों पर प्रकाश डालते हुए समन्वित अभियानों पर जोर दिया। सम्मेलन में देश की सुरक्षा से जुड़े तमाम पहलुओं पर व्यापक चर्चा की गई। साथ ही बदलते सुरक्षा परिदृश्यों और इनसे निपटने के लिए सेना की लड़ाकू क्षमता को बढ़ाने पर भी बात की गई।


इस बात पर जोर दिया गया कि सेना शांतिपूर्ण सुरक्षा माहौल के लिए प्रतिबद्ध है और सभी चुनौतियों का दृढ़ता से मुकाबला करेगी तथा आतंकवाद को बिल्कुल बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। इसके अलावा सेना की तैयारी, तीनों सेनाओं के बीच समन्वय, सैन्य कूटनीति, संयुक्त अभ्यास और विभिन्न अभियानों की भी समीक्षा की गई।


सैन्य कमांडरों से यह सुनिश्चित करने को कहा गया कि अधिक से अधिक सैन्य बल को हमेशा जरूरत के लिए तैयार रखा जाए। मेक इन इंडिया को ध्यान में रखते हुए सेना के आधुनीकिकरण और क्षमता बढ़ाने के लिए प्राथमिकताओं को फिर से निर्धारित करने की बात कही गयी।


साथ ही चीन सीमा से लगते उत्तरी क्षेत्रों में ढांचागत सुविधाओं को प्राथमिकता देने पर भी जोर दिया गया। उत्तरी सीमाओं तक हर मौसम में पहुंच बनाने के लिए भी तेज गति से काम करने पर बल दिया गया।


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