पुलिस को जारी किया नोटिस दिल्ली महिला आयोग ने 

12 साल की लड़की को बचाया बाल मजदूरी कर रही थी



दिल्ली महिला आयोग ने बाल कल्याण समिति से बच्ची का ठीक से पुनर्वास करवाने और उसके पैसे दिलाने का किया अनुरोध


आवाज़ ए हिंद टाइम्स सवांदाता, नई दिल्ली, अप्रैल। पश्चिमी दिल्ली के विकासपुरा में एक बल में बाल मजदूरी कर रही 12 साल की बच्ची को छुड़ाया गया है। जानकारी के अनुसार दिल्ली महिला आयोग की 181 महिला हेल्पलाइन पर अंजान व्यक्ति ने बाल मजदूरी के बारे में शिकायत दर्ज कराई। मौके पर भेजी टीम ने लड़की को पहुंच कर मुक्त करवा लिया।


प्राप्त जानकारी के मुताबिक जब आयोग की टीम बताए गए पते पर पहुंची तो 12 साल की लडकी एक बंगले में अकेली थी और यह घर एक व्यापारी का है। घर पर बाहर से ताला लगा हुआ था और घर के मालिक घर में मौजूद नहीं थे। आयोग की टीम ने घर के बाहर तैनात गाडों से बात की तो उन्होंने बताया कि घर में एक नाबालिग लड़की पिछले लगभग एक साल से काम कर रही है।


दिल्ली पुलिस के साथ आयोग की टीम घर में दाखिल हुई और देखा कि लड़की एक ग्रिल वाले दरवाजे के पीछे बंद थी। वह घर पर अकेली थी और बहुत डरी हुई लग रही थी। आयोग की टीम और पुलिस को देख कर वह रोने लगी और उसने खुद को उस घर से बचाने और अपने परिवार के पास ले जाने का अनुरोध किया। उसने बताया कि वह झारखण्ड में एक दूर दराज के गांव में रहती है और उसको एक साल पहले सुरेश और अनीता नाम के पति पत्नी झारखण्ड से दिल्ली लेकर आए थे।


उसने बताया कि उसके साथ दो और लड़कियों को भी लाया गया था। पिछले एक साल से घरेलू नौकरानी का काम करते हुए सब काम करना पड़ता और भरपेट खाना भी नहीं दिया जाता था। दिल्ली महिला आयोग की टीम और  पुलिस को देखकर घर के मालिक का एक रिश्तेदार आया और उसने ताला खोला। बच्ची को रेस्क्यू कराया गया और विकासपुरी थाने ले जाया गया। वहां एसएचओ ने घर से उसके कपड़े और दूसरा सामान लाने के निर्देश दिए।


बच्ची को मेडिकल जांच के लिए ले जाया गया और फि उसको शेल्टर होम भेज दिया। उसे बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया गया, जिसने पुलिस से बच्ची की उम्र की जांच करवाने, उसके माता पिता का पता लगाने और उनको दिल्ली लाने का आदेश दिया, दिल्ली महिला आयोग ने बाल कल्याण समिति से बच्ची का ठीक से पुनर्वास करवाने और उसके पैसे दिलाने का अनुरोध किया।


जिस घर से लड़की मिली थी उस घर के मालिक ने कहा कि उसको 2500 रुपये महीने की तनख्वाह दी जाती थीलेकिन वेतन अनीता नाम की महिला को देते थे। बच्ची के पीटने को सही ठहराते हुए उन्होंने बच्ची पर आईफोन चोरी करने का इल्जाम लगाया। अभी तक इस मामले में दिल्ली पुलिस ने कोई एफआईआर नहीं दर्ज की है।


साथ ही किसी को गिरफ्तार भी नहीं किया गया है। दिल्ली महिला आयोग की अध्यक्षा ने इस मामले में दिल्ली पुलिस को नोटिस जारी किया है।


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