स्वास्थ्य सेवाएं बीमार, स्कूल शिक्षा के दावे झूठे : भाजपा

चिंता - पांच लाख बच्चे सरकारी स्कूलों में हुए है फेल पिछले चार साल में 



नई दिल्ली, अप्रैल। अरविन्द केजरीवाल लोकसभा चुनावों में अपनी दिल्ली सरकार के कामों का बढ़ाचढ़ाकर बखान कर रहे हैं। जनता के सामने उसकी असलियत आनी चाहिए। यह कहते हुए केंद्रीय मंत्री विजय गोयल ने कहा कि केजरीवाल की पड़ताल की तो पता चला कि दिल्ली के 1028 स्कूलों में लगभग 16 लाख बच्चे पढ़ते हैं और जब जांच की तो पता चला कि पिछले चार साल में पांच लाख बच्चे सरकारी स्कूलों में फेल हुए हैं, जिनमें से चार लाख बच्चों को दोबारा दाखिला नहीं दिया गया। इन बच्चों के भविष्य का क्या हुआ। सरकार ने इन लक्ष्यों का हाथ छोड़ दिया है।


दिल्ली हाई कोर्ट के आदेश के बावजूद भी सरकारी आंकड़ों के अनुसार 9वीं में जो बच्चे फेल हुए उनमें से 52 प्रतिशत को दोबारा दाखिला नहीं मिला, 10वीं, 12वी के 91 प्रतिशत और 11वी के 58 प्रतिशत बच्चों को दोबारा दाखिला नहीं दिया गया। उन्होने कहा कि जो बच्चे फेल हुए हैं उन्हें केजरीवाल सरकर ने दोबारा दाखिला नहीं दिया, उन बच्चों के अभिभावकों का एक सम्मेलन 16 अप्रैल को करेंगे।


श्री गोयल ने कहा कि मैं केजरीवाल से पूछना चाहता हूं कि यदि एक बच्चा परीक्षा में फेल हो गया तो क्या जिन्दगी में फेल हो गया। ये फेल है या जेल है, इन बच्चों के गरीब माता पिता को भी पता चले कि केजरीवाल सरकार कैसे धोखा दे रही है। दिल्ली स्कूल एजुकेशन रूल 138 के अन्तर्गत जो बच्चे फेल जो जाएं, स्कूल उनको दोबारा दाखिला देने से मना नहीं कर सकता ये एक आपराधिक मामला है।


उन्होने बताया कि 1028 स्कूलों में से 800 स्कूलों में प्रिंसिपल नहीं हैं, जबकि वाइस प्रिंसिपल को प्रमोट किया जा सकता है। जहां प्रिंसिपल हैं उनमें से भी 78 प्रिंसिपल को डिप्टी डायरेक्टर एजुकेशन का ओएसडी बनाकर स्कूलों से दूर कर दिया गया है। आखिर स्कूल बिना प्रिंसिपल के कैसे चलेगा।


आज भी 27 हजार से ज्यादा टीचर्स की पोस्ट खाली हैं भर्ती समय से नहीं की गई, इसलिए गेस्ट टीचर्स रखे गए। पता चला कि पीजीटी मैथ्स के लिए 135 में से एक भी टीचर पास नहीं हुआ। गोयल ने आरोप जड़ा कि आठ हजार कमरने बनाने का दावा झूठ है, इनमें से हजारों कमरे पूरे नहीं हुए और जो बने हैं बिना नक्शे, खेल के मैदान में बना दिए।


यमुना विहार का उदाहरण दिया कि यहां गवर्नमेंट ब्यॉस सीनियर सैकेंडरी स्कूल जनकल्याण पोर्ट केबिन में चल रहा है। इसकी गैलरी में भी बच्चे बैठे हुए हैं। इसकी जो पुरानी बिल्डिंग बन रही है, जिसमें 40 क्लास रूम चाहिए, उसमें केवल 16 क्लास रूम बन रहे हैं। यहां एक पारी में 1300 बच्चे पढ़ रहे हैं और एक शौचालय है।


आलम ये है कि एक क्लास में 80 से 100 बच्चे हैं और तीन शिफ्ट में पढ़ते हैं। सांसद रमेश बिधूड़ी ने भी बताया कि स्वास्थ्य के क्षेत्र में दिल्ली की जनता को ठगा गया है। सांसद प्रवेश वर्मा ने कहा कि शिक्षा के नाम पर आम आदमी पार्टी की सरकार ने दिल्ली की जनता के साथ धोखा किया है।


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